tag:blogger.com,1999:blog-3138696183834633168.post377018284373926447..comments2023-07-06T18:51:06.940+05:30Comments on नेपथ्यलीला NEPATHYALEELA: अदालतों और जांच एजेन्सियों की गरिमा गिराती भाजपावीरेन्द्र जैनhttp://www.blogger.com/profile/03394460991280336978noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3138696183834633168.post-90978354034887924722010-08-08T15:27:17.893+05:302010-08-08T15:27:17.893+05:30अदालत समाज का हिस्सा होती है|
समाज का महत्व किसी ...अदालत समाज का हिस्सा होती है|<br /><br />समाज का महत्व किसी भी अदालत से अधिक है|<br /><br />असल मसला है समाज और अदालत के संतुलित तालमेल का| <br /><br />आज दोनो ही में गंभीर असंतुलन और विकृतियाँ पैदा हो गयी हैं|SHIVLOKhttps://www.blogger.com/profile/12479569336869773795noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3138696183834633168.post-65196238497070907562010-08-04T14:39:49.813+05:302010-08-04T14:39:49.813+05:30अदालत में भ्रष्टाचार है जो बढ़ता ही जा रहा है लेकिन...अदालत में भ्रष्टाचार है जो बढ़ता ही जा रहा है लेकिन अदालत को उस समाज के अनुसार नहीं चलना चाहिए जिस समाज में अपराधियों का बोलबाला हो और जिसके डर और भय से लोग सत्य बोलने और देखने की बात से इंकार करतें हों | अदालत को सिर्फ और सिर्फ सत्य और न्याय के आधार पर चलना चाहिए लेकिन इसके लिए समाज में जागरूकता और निडरता की जरूरत है जिससे लोग अपराध और अपराधियों के खिलाप जान की परवाह किये वगैर खरे हो सके |honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.com