tag:blogger.com,1999:blog-3138696183834633168.post6103401773144100504..comments2023-07-06T18:51:06.940+05:30Comments on नेपथ्यलीला NEPATHYALEELA: श्रद्धांजलि कमला प्रसादवीरेन्द्र जैनhttp://www.blogger.com/profile/03394460991280336978noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3138696183834633168.post-59642476266169992492011-03-25T19:38:11.452+05:302011-03-25T19:38:11.452+05:30संगठन निर्माण (सो भी लेखकों और कवियों को जोड़ने, जि...संगठन निर्माण (सो भी लेखकों और कवियों को जोड़ने, जिनमे से अनेक के लिए बर्नार्ड शा कि उक्ति अनुचित नहीं कि "जिस पृथ्वी पर मैं रहता हु, वह सूरज का चक्कर नहीं लगा सकती, सूरज ही इसकी परिक्रमा करता होगा" ) के लिए धीरज और सरलता पहली शर्त है, नेपथ्य से प्रेरित करने का कौशल अत्यंत जरुरी है. कमला बाबू में वह था. वे जानते थे कि कहाँ खामोश रह कर भी बोला जा सकता है और कहाँ खामोश करने के लिए बोलना जरुरी है. उन्हें कमांडर जिसने भी कहा सही कहा था. वे हिंदी साहित्य के कमांडर ही थे. निजी तौर पर वे अनेक सारी अच्छी संपदा की तरह, विरासत में मिले थे. पापा के साथ उनके रिश्ते गाढे थे. मुझे उन्होंने हमेशा उत्साहित करने की कोशिश ही कि. उनका जाना एक बड़ी रिक्ति है.badal sarojhttps://www.blogger.com/profile/11249764438637286008noreply@blogger.com