शुक्रवार, नवंबर 27, 2015

अमर मुलायम फिर से गलबहियां करते हुये

अमर मुलायम फिर से गलबहियां करते हुये
                                                                            वीरेन्द्र जैन

      कभी अपने आप को मुलायम सिंह का हनुमान और कभी टेलर बताने वाले अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद धमकी दी थी कि अगर उन्होंने मुँह खोल दिया तो सपा नेता जेल में होंगे। बहरहाल उनका मुँह नहीं खुल सका था व राजनीति में उन्होंने काँग्रेस अध्यक्ष के दरवाजे पर ढोक देने और जयप्रदा से दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रचार करके देख लिया था पर अंत में मुलायम सिंह की शरण में आना पड़ा।
      जहाँ तक मुलायम सिंह से उनकी पुरानी मित्रता का सवाल है तो उसे वे तिलांजलि दे चुके थे। वे एक दूसरे के पूरक रहे हैं। ठाकुर अमर सिंह के राजनीतिक उत्थान और उसके सहारे हुये उनके आर्थिक उत्थान में यादव जाति के समर्थन से नेता बने मुलायम सिंह यादव का समुचित योग दान रहा था। दूसरी ओर राजनीति में अर्थजगत के महत्व को उन्होंने ही पहलवान मुलायम सिंह को समझाया था। इस दौरान वे दो जिस्म एक जान थे। उनके ब्रेकअप प्रमाण तो उनके निम्नांकित बयानों से ही मिलता रहा था जिनका ना तो उन्होंने कभी खण्डन किया और ना ही ये कहा था कि ये प्रैस ने तोड़ मरोड़ कर छाप दिये हैं-  
 -मुम्बई। अमर सिंह ने कहा कि सपा का अर्थ मुलायम सिंह और उनका परिवार है और कुछ नहीं।[अगस्त 2010]
      -इलाहाबाद। समाजवादी पार्टी के पूर्व महा सचिव अमर सिंह ने रविवार को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर अब तक का सबसे करारा हमला बोला है। अमर ने कहा है कि उनके जीने से ज्यादा जरूरी है मुलायम सिंह यादव का मरना। मुलायम सिंह ने मुसलमानों को हमेशा धोखा दिया है। [10 अगस्त 2010]
      -रायबरेली। सोनिया के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में दंगल प्रतियोगिता के उद्घाटन में शामिल होने आये समाजवादी पार्टी के निष्कासित नेता अमर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गान्धी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जम कर तारीफ की साथ ही सोनिया गान्धी को अच्छे व्यक्तित्व वाली दुनिया की सबसे बेहतर नेता भी बताया। [1 सितम्बर 2010]
लखनउ। अमर सिंह ने यहाँ आयोजित देश के मौजूदा हालात और मुसलमान विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि चौदह साल तक जिनकी जबान को कुरान की आयत और गीता का श्लोक समझा उन्हीं ने हमें रुसवा किया। मुलायम सिंह ने ही कल्याण सिंह को सपा में शामिल किया। व्यक्तिगत रूप से में कल्याण सिंह को मुलायम सिंह से बेहतर व्यक्ति मानता हूं क्योंकि वे साफ बात करते हैं और अपने कार्यों को स्वीकार करते हैं। कभी हमारे बगलगीर रहे मुलायम वर्ष 2003 में जनादेश की वजह से नहीं बल्कि मेरी कलाकारी से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने रह सके थे। राज बब्बर को समाजवादी पार्टी में लाने और विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ विष्णु हरि डाल्मियाँ के बेटे संजय डाल्मियाँ को पार्टी का कोषाध्यक्ष और सांसद बनाने वाले मुलायम सिंह ही हैं। [19 अक्टूबर 2010]
      नई दिल्ली। मुलायम सिंह मेरे घर पर कब्जा किये हुये हैं और खाली नहीं कर रहे हैं। महारानी बाग का यह घर मैंने ही मुलायम सिंह को दिया था जिसका किरायानामा राम गोपाल के नाम से बना हुआ है जो मुलायम सिंह के निकट के रिश्तेदार हैं [नवम्बर 2010]
      कभी सोनिया गान्धी को प्रधानमंत्री न बनने देने के लिए विदेशी मूल का मुद्दा उछालने वाले अमर सिंह उस समय प्रति दिन मुलायम सिंह को कोसते रहते हैं। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब वे मुलायम सिंह और उनके रिश्तेदारों, भाई भतीजों के खिलाफ असंसदीय भाषा में कुछ न कुछ नहीं कहते रहे हों। अपने एक बयान में उन्होंने कहा था आजम खान यह समझ लें कि अगर मैंने मुँह खोल दिया तो मुलायम सिंह यादव मुश्किल में पड़ जायेंगे, उनको जेल जाना पड़ सकता है, जो आजम खान मुझे दलाल कह रहे हैं, पहले वे जरा यह बताएं कि मैंने उन्हें क्या क्या दिया है। मुझे सप्लायर कहने वाले समाजवादी पार्टी के अन्य नेता भी आगे आकर बताएं कि मैंने उन्हें या मुलायम सिंह को क्या सप्लाई किया है,
इतना सब कुछ कह लेने के बाद उन्होंने और क्या छुपा लिया, और क्या छुपाना चाहते थे? यह राजनीतिज्ञों की भाषा नहीं अपितु ब्लेकमेलरों की भाषा थी। पता नहीं कि वे सार्वजनिक रूप से अपने पूर्व मित्र जिन मुलायम सिंह यादव के मरने तक की कामना करते थे उन्हें जेल जाने से वे क्यों बचाना चाहते रहे? कहीं ऐसा तो नहीं कि ऐसी कोई बात कहने पर वे खुद किसी अधिक बड़े मामले में सम्मलित हों और उसी से बचने के लिए वे गोलमाल भाषा में धमकी देते रहे हों।
       जनाधार विहीन नेता हमारे लोकतंत्र के लिए एक बड़े तमाशे की तरह हैं जो जनता को निरी मूर्ख और स्मृतिहीन मानते हैं। ऐसे लोग ही लोकतंत्र को जोड़तोड़ और जनसमर्थन को कारपोरेट घरानों के यहाँ गिरवी रखवाने का काम करते रहते हैं। लायजिनिंग का जो काम नीरा राडिया राजनीति में आये बिना करती रहीं वही काम कुछ लोग राज्यसभा की सदस्यता हथिया कर उससे मिली विशिष्ट स्तिथि का दुरुपयोग करते हुये करते रहे हैं।
            अमर और आज़म दोनों एक साथ नहीं रह सकते। आज़म जनाधार वाले नेता हैं और अमर जोड़तोड़ वाले नेता है। दोनों में से किसी का भी विरोध मुलायम को मँहगा पड़ने वाला है।
वीरेन्द्र जैन      
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा टाकीज के पास भोपाल [म.प्र.] 462023
मो.  9425674629  



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें