मंगलवार, जून 30, 2009

फिर से स्कूल खुल गये

गीत

धुले धुले मुखड़े, उजली उजली पोषाकें
राहों में रंग घुल गये
फिर से स्कूल खुल गये

रास्ते गये चहक चहक
भोली सी फुदकती महक
मैदानों के सोये दिल
आज फिर उछल उछल गये
फिर से स्कूल खुल गये

किलकारी मोद भर गयी
कक्षा की गोद भर गयी
सन्नाटा भाग गया जब
कानों में शोर गुल गये
फिर से स्कूल खुल गये

वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा टाकीज के पास भोपाल मप्र
फोन 9425674629

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें