बुधवार, दिसंबर 08, 2010

यह ब्लेकमेलरों की भाषा है language of blackmailers


यह ब्लैकमेलरों की भाषा है

वीरेन्द्र जैन
कभी अपने आप को मुलायम सिंह का हनुमान और कभी टेलर बताने वाले अमर सिंह ने अब कहना शुरू कर दिया है कि अगर उन्होंने मुँह खोल दिया तो सपा नेता जेल में होंगे।
इन दिनों कोई एमरजैंसी नहीं लगी हुयी है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है और संघ के पूर्व सर संघ चालक समेत कोई भी कुछ भी बोल रहा है, तब फिर समाजवादी पर्टी के पूर्व महासचिव अमर सिंह को मुँह खोलने से कौन रोक रहा है? जहाँ तक मुलायम सिंह से उनकी पुरानी मित्रता का सवाल है तो उसे तो वे वैसे भी कब की तिलांजलि दे चुके हैं। वे भूल चुके हैं कि ठाकुर अमर सिंह के राजनीतिक उत्थान और उसके सहारे हुये उनके आर्थिक उत्थान में यादव जाति के समर्थन से नेता बने मुलायम सिंह यादव का समुचित योग दान रहा था, और मुलायम सिंह को राजनीति में अर्थजगत के महत्व को उन्होंने ही पहलवान मुलायम सिंह को समझाया था। इस दौरान वे मुलायम सिंह यादव को दो जिस्म एक जान कहते थे। इस अहसान फरामोशी का प्रमाण तो उनके निम्नांकित बयानों से ही मिल जाता है जिनका ना तो उन्होंने कभी खण्डन किया और ना ही ये कहा कि ये प्रैस ने तोड़ मरोड़ कर छाप दिये हैं-
-मुम्बई। अमर सिंह ने कहा कि सपा का अर्थ मुलायम सिंह और उनका परिवार है और कुछ नहीं।[पीपुल्स समाचार] -इलाहाबाद। समाजवादी पार्टी के पूर्व महा सचिव अमर सिंह ने रविवार को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर अब तक का सबसे करारा हमला बोला है। अमर ने कहा है कि उनके जीने से ज्यादा जरूरी है मुलायम सिंह यादव का मरना। मुलायम सिंह ने मुसलमानों को हमेशा धोखा दिया है। [दैनिक भास्कर 10 अगस्त 2010]
-रायबरेली। सोनिया के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में दंगल प्रतियोगिता के उद्घाटन में शामिल होने आये समाजवादी पार्टी के निष्कासित नेता अमर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गान्धी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जम कर तारीफ की साथ ही सोनिया गान्धी को अच्छे व्यक्तित्व वाली दुनिया की सबसे बेहतर नेता भी बताया। [पीपुल्स समाचार 1 सितम्बर 2010]
लखनउ। अमर सिंह ने यहाँ आयोजित “ देश के मौजूदा हालात और मुसलमान” विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि चौदह साल तक जिनकी जबान को कुरान की आयत और गीता का श्लोक समझा उन्हीं ने हमें रुसवा किया। मुलायम सिंह ने ही कल्याण सिंह को सपा में शामिल किया। व्यक्तिगत रूप से में कल्याण सिंह को मुलायम सिंह से बेहतर व्यक्ति मानता हूं क्योंकि वे साफ बात करते हैं और अपने कार्यों को स्वीकार करते हैं। कभी हमारे बगलगीर रहे मुलायम वर्ष 2003 में जनादेश की वजह से नहीं बल्कि मेरी कलाकारी से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने रह सके थे। राज बब्बर को समाजवादी पार्टी में लाने और विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ विष्णु हरि डाल्मियाँ के बेटे संजय डाल्मियाँ को पार्टी का कोषाध्यक्ष और सांसद बनाने वाले मुलायम सिंह ही हैं। [जनसत्ता 19 अक्टूबर 2010] नई दिल्ली। मुलायम सिंह मेरे घर पर कब्जा किये हुये हैं और खाली नहीं कर रहे हैं। महारानी बाग का यह घर मैंने ही मुलायम सिंह को दिया था जिसका किरायानामा राम गोपाल के नाम से बना हुआ है जो मुलायम सिंह के निकट के रिश्तेदार हैं [डीबी स्टार नवम्बर 2010] कभी सोनिया गान्धी को प्रधानमंत्री न बनने देने के लिए विदेशी मूल का मुद्दा उछालने वाले अमर सिंह आज कल प्रति दिन मुलायम सिंह को कोसते रहते हैं। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब वे मुलायम सिंह और उनके रिश्तेदारों, भाई भतीजों के खिलाफ असंसदीय भाषा में कुछ न कुछ नहीं कहते हों। अपने ताज बयान में वे कहते हैं “आजम खान यह समझ लें कि अगर मैंने मुँह खोल दिया तो मुलायम सिंह यादव मुश्किल में पड़ जायेंगे, उनको जेल जाना पड़ सकता है, जो आजम खान मुझे दलाल कह रहे हैं, पहले वे जरा यह बताएं कि मैंने उन्हें क्या क्या दिया है। मुझे सप्लायर कहने वाले समाजवादी पार्टी के अन्य नेता भी आगे आकर बताएं कि मैंने उन्हें या मुलायम सिंह को क्या सप्लाई किया है,”।
इतना सब कुछ कह लेने के बाद वे अब और क्या छुपाना चाहते हैं। यह राजनीतिज्ञों की भाषा नहीं अपितु ब्लेकमेलरों की भाषा है। वे सार्वजनिक रूप से पूर्व मित्र हो चुके जिन मुलायम सिंह यादव के मरने तक की कामना करते हैं उन्हें जेल जाने से वे क्यों बचाना चाहते हैं? कहीं ऐसा तो नहीं कि ऐसी कोई बात कहने पर वे खुद किसी अधिक बड़े अपराध में सम्मलित पाये जायें और उसी से बचने के लिए वे गोलमाल भाषा में धमकी दे रहे हैं। अमर सिंह जैसे जनाधार विहीन नेता हमारे लोकतंत्र के लिए एक बड़े अभिशाप की तरह हैं जो जनता को निरी मूर्ख और स्मृतिहीन मानते हैं। ऐसे लोग ही लोकतंत्र को जोड़तोड़ और जनसमर्थन को कारपोरेट घरानों के यहाँ गिरवी रखवाने का काम करते हैं। लायजिनिंग का जो काम नीरा राडिया राजनीति में आये बिना करती रहीं वही काम अमर सिंह जैसे लोग राज्यसभा की सदस्यता से मिल चुकी विशिष्ट स्तिथि का दुरुपयोग करते हुये करते रहे हैं। देश के रक्षामंत्री पद पर रह चुके किसी नेता ने यदि जेल जाने लायक अपराध किया है तो उसे छुपाना और उसकी ओट में अपने राजनीतिक हित साधना भी अपराध है, जो अमर सिंह जैसे लोग डंके की चोट पर करते रहते हैं।
अपनी सामाजिक जिम्मेवारी समझते हुए सुप्रीम कोर्ट जिस तरह से राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों को कटघरे में खड़ा कर रहा है, तब देश की सुरक्षा से जुड़े रहे किसी व्यक्ति कथित अपराध को छुपाने का अपराध करने वाले उसकी दृष्टि से अलक्षित क्यों हैं? जरूरत तो इस बात की है कि देश के सारे जनप्रतिनिधियों और उसकी पेंशन लेने वाले भूतपूर्व जनप्रतिनिधियों से यह शपथ पत्र लिया जाये कि कानून विरोधी किसी भी गतिविधि का पता चलते ही वे शीघ्रातिशीघ्र कानून की निगाह में लायेंगे और दोषी को सजा दिलाये जाने में कानून की भरपूर मदद करेंगे। ऐसा न करने पर वे स्वयं भी अपराध छुपाने के अपराधी माने जायेंगे।

वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड अप्सरा टाकीज के पास भोपाल [म.प्र.] 462023
मो. 9425674629

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