बुधवार, मई 11, 2011

कृपया सम्पन्न धर्मस्थलों को और धन का दान न दें



कृपया सम्पन्न धर्मस्थलों को और धन का दान न दें
वीरेन्द्र जैन

यह तो तय है कि कोई भी अपने देवता या गुरू को निर्धन, व्यापारी या लालची तो नहीं ही मानता होगा। आम तौर पर हर धर्म के धर्मस्थलों में जो चढावे की परम्परा विकसित हुयी है वह किसी धर्मस्थल के रख रखाव, जीर्णोद्धार,या उसके पण्डे पुजारी, कर्मचारी आदि के वेतन तथा पूजा अर्चना की सामग्री के लिए ही हुयी होगी। चढाये हुए धन से धर्मस्थल में स्थापित उसकी आस्था, आराधना के प्रतीकों को कुछ भी लेना देना नहीं होता और ना ही इस धन से चढाने वाले के भाग्य बदलने का ही कोई सम्बन्ध होता है। अनुभव बताता है कि चढाये हुए धन का आधिक्य उक्त धर्मस्थल के चरित्र में वैसा ही नकारात्मक परिवर्तन लाता है, जैसा कि नवधनाड्यों में देखने को मिलता है। कुछ लोगों को ये गलतफहमी रहती है कि बाजार में बिकते सामानों की तरह चढाये हुए धन के अनुपात में ही उन्हें पुण्य मिलेगा और प्राकृतिक दण्ड विधान में यह राशि किसी घूस की तरह काम करके उन्हें उनके पापों से मुक्ति दिला देगी। किंतु यह बात निहित स्वार्थों ने जानबूझकर फैलायी है जिसके परिणाम स्वरूप सारे ही आर्थिक और सामाजिक अपराधी अपनी अवैध कमाई का एक हिस्सा धर्मस्थलों में लगा कर परोक्ष में पाप धुल जाने का भ्रम पाल लेते हैं। ये अपराधी यदि कानून व्यवस्था की कमजोरियों के कारण बच निकलते हैं तो इसे अपने दान का प्रभाव मानने लगते हैं और अपने धर्म स्थलों को अवैध धन से पोषित करने लगते हैं। प्रत्येक अदालत के आसपास आवश्यक रूप से धर्मस्थल मिल जायेंगे जिनमें वादी और प्रतिवादी दोनों ही अपने पक्ष को बल दिलाने के भ्रम में माथा टेकते हैं और प्रतियोगिता के साथ चढावा चढाते हैं किंतु न्याय न्यायिक व्यवस्था के अनुसार ही होता है।
धर्मस्थलों के पास अतिरिक्त धन जमा होने के दुष्परिणाम से ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब समाचार पत्रों में धर्मस्थलों में चल रही गैर कानूनी गतिविधियां या गम्भीर किस्म के अपराधों की खबरें न छ्पें। पिछले दिनों की कुछ खबरें इस प्रकार हैं-
• गोधरा के पंचमहल में स्थित जैन आश्रम में एक नाबालिग जैन साध्वी ने अपनी गुरु जैन साध्वी निर्मल प्रभा पर आरोप लगाया कि राजस्थान के खिचाड़ा जैन उपाश्रय में उसकी गुरु ने पाँच लोगों से गैंगरेप करवाया।
• लखनउ. अयोध्या के सबसे प्राचीन मन्दिरों में शामिल शेषावतार श्री लक्षमण से 250 वर्ष पुरानी अष्टधातु से निर्मित 10 मूर्तियों, चाँदी के दो विशाल क्षत्रों, 10 मुकुटों व सोने के हार की चोरी हो गई है। इनकी कीमत करोड़ों रुपये है।
• लन्दन । सेक्स स्केंडल में फँसे चेन्नई के स्वयंभू स्वामी नित्यानन्द की तरह ब्रिटेन के 52 वर्षीय माइकिल लियोंस उर्फ मोहन सिंह को दुष्कृत्य के आरोप में दस साल कैद की सजा सुनायी गयी। वे इससे पहले 2002 में भी एक उभरती हुयी अभिनेत्री के साथ दुष्कृत्य के दोषी पाये गये थे। ब्रिटेन, अमेरिका, और न्यूजीलेंड की 11 महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के सबूत पेश किये थे।
• नासिक , जिले के वाडेल गाँव स्थित अशाराम बापू के आश्रम में संघर्ष होने के बाद एक अनुयायी द्वारा गोलिया चला देने से एक व्यक्ति घायल हो गया जो वहाँ निर्देशक का काम कर रहा था।
• धर्मशाला। करमा बौद्ध पंथ के 17वें करमापा उग्येन त्रिनेले दोर्जे के अस्थायी निवास से करीब 6 लाख अमरीकी डालर [2.73 करोड़ रुपये] बरामद किये हैं।
• नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने मदरसे के एक मौलाना को बच्चे से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस्लाम की दीनी तालीम देने वाले मौलाना ने ही इस्लाम के उसूलों से खिलवाड़ करते हुए बच्चों के साथ अनैतिक सेक्स किया।
• मुज्जफर नगर । सहरनपुर जिले में एक मन्दिर में रहने वाली 90 साल की बुढिया और उसके सहायक ज्ञान गिरि पर हमला किया जिसमें बुढिया की तो मृत्यु हो गयी और सहायक को गम्भीर हालत में भरती कराया गया।
• ह्यूस्टन। अमेरिकी अदालत ने दो लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों में दोषी करार देते हुए एक धर्मगुरु प्रकाशानन्द सरस्वती को 14 वर्ष के कारावास और दो लाख डालर के अर्थदण्ड की सजा दी। स्वामी के एक भक्त पीटर स्पीगल द्वारा दी गयी एक करोड़ डालर की जमानत भी जब्त कर ली गयी है। टेक्सास में इस स्वामी का आश्रम 200 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।
• अमेरिका के फिलाडेल्फिया में बच्चों के यौन शोषण मामले के मद्देनजर 21 रोमन कैथोलिक पादरी निलम्बित कर दिये गये हैं।
• तिरुपति\ कड़ी सुरक्षा को धता बताते हुए चोरों ने तिरुपति बालाजी मन्दिर के स्वर्ण रथ से करीब एक लाख रुपये का सामान चुरा लिया। यह देश का ही नहीं दुनिया का सबसे धनी मन्दिर है। एक अनुमान के अनुसार इसकी कुल सम्पत्ति 55 हजार करोड़ रुपये है। 12 टन सोना, चाँदी और अन्य आभूषणों का विशाल भंडार है। मन्दिर की सालाना आमदनी 800 करोड़ है।
• शिरडी स्थित प्रसिद्ध साँई मन्दिर के पास 32 करोड़ के आभूषण हैं और चार अरब 27 करोड़ 17 लाख रुपये का निवेश कर रखा है।
• पुरी। ओडिशा में पुरी के प्रसिद्ध कगन्नाथ मन्दिर के सामने स्थित प्राचीन एमार मठ से 90 करोड़ रुपये कीमत की 18000 किलो चाँदी की 522 ईंटें लकड़ी के चार सन्दूकों से बरामद की गयीं। इन पर यूईए, जापान, चीन व दुबई की सीलें लगी हुयी हैं। इसकी जानकारी ढाँकनाल में चोरी की चान्दी की ईंट बेचते हुए दो लोगों की गिरफ्तारी से लगी थी।
• हाल ही में पुट्टपर्थी के सत्य साईं बाबा के निधन के बाद उनकी 53000 करोड़ की सम्पत्ति की विरासत विवाद में है।

प्रतिदिन प्रकाश में आने वाले सैकड़ों समाचारों में से नमूने के तौर पर लिये गये उक्त समाचारों का धर्मस्थलों से जुड़ी सम्पत्तियों से सीधा अनुपात रहता है। शंकराचार्यों से लेकर पादरियों और मौलानाओं तक सब इनमें शामिल पाये जाते हैं। इस भेष का दुरुपयोग करके जो लोग सीधे सीधे सत्ता से जुड़ गये हैं वे धन लेकर दलबदल करने से लेकर सांसद निधि बेचने तक हर तरह के अपराधों में कैमरे के सामने पकड़े भी जा चुके हैं। धर्मस्थलों को आयकर की धारा 80जी के अंतर्गत मिली सुविधाओं का दुरुपयोग करते हुए दर्जन भर से अधिक संत भेषधारी काले धन को सफेद करने के अपने रेट बतलाते हुए स्टिंग आपरेशन में फँस चुके हैं।
धर्म के हित में, धर्म के नाम पर धर्म के विपरीत की जाने वाली, इन विकृतियों पर रोक लगायी जा सकती है अगर धर्म स्थलों में अतिरिक्त धन का एकत्रित होना रुक सके। इसलिए जरूरी है कि सारे दान किसी एक उच्च संस्था द्वारा ही ग्रहण किये जाएं और जो संस्था ही धर्मस्थलों के सुचारु संचालन हेतु धन की व्यवस्था करे जिससे यह धन किसी व्यक्ति के हाथ में न जाकर संस्था के घोषित उद्देश्यों हेतु व्यय हो सके और जर्जर तथा कामजोर आर्थिक स्थिति वाले धर्मस्थलों का भी जीर्णोद्धार हो सके। सम्पन्न धर्मस्थलों के आय व्यय पर निगाह रखने वाली कोई केन्द्रीय समिति होना चाहिए जो इस धन को आपराधिक कामों में जाने से रोक सके।

वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा टाकीज के पास भोपाल [म.प्र.] 462023
मो. 9425674629

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