यह मध्यप्रदेश है प्यारे
एक दिन के अखबार की खबरें
वीरेन्द्र जैन
आज जून माह की चौबीस तारीख है।
पर तारीख से क्या कोई भी हो, क्या फर्क पड़ता है। रोज की तरह अखबार वाला अखबार का बन्डल थमा गया है। पूरी आधा किलो खबरें जिनमें कम से कम तीन सौ ग्राम विज्ञापन होंगे। शरीर उदास और शिथिल है और चाहता है कि पठनीय कुछ कम हो तो दिमाग के साथ जबरदस्ती न करना पड़े। पर खबरें तो खबरें हैं और वे भी मध्य प्रदेश की जहाँ भारतीय संस्कृति के सिपहसालार बैठे हैं। जरा आप भी मुलाहिज़ा कीजिए।
- लोकायुक्त ने कहा है कि प्रदेश में नौ मंत्रियों और पचास अफसरों की जांच चल रही है तथा पिछले दिनों आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने सम्बन्धी शिकायतों पर सतत्तर छापे मारे गये।
ग्वालियर में शिवपुरी लिंक रोड पर स्वास्थ मंत्री अनूप मिश्रा, जो प्रदेश के बड़े बड़े शिक्षा माफियों से होड़ ले रहे हैं, के परिजनों जिनमें उनके भाई, साले, और अन्य रिश्तेदार सम्मलित हैं, नेआई पी एस कालेज की ज़मीन विवाद को लेकर गोलीबारी की जिसमें एक व्यक्ति की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी और तीन महिलाओं समेत अनेक घायल हो गये। पुलिस अपराधियों को बचाने की कोशिश में लगी हुयी है और नाराज ग्रामीण लाश को रख कर चक्काजाम किये बैठे हैं। - भाजपा विधायक जितेन्द्र डागा भोपाल विकास प्राधिकरण के सीईओ मदन गोपाल रूसिया की सन्दिग्ध मौत के मामले में गत तीन दिनों से सीबीआई की पूछताछ का सामना कर रहे हैं, और उन पर घेरा कसता जा रहा है। श्री डागा संसद में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के नजदीकी हैं।
- एक मंत्री विजय शाह के कर्मचारी की पत्नी ने अपने पति पर आरोप मंत्रीजी के साथ हमबिस्तर होने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया था जिसे पुलिस ने पति और सास ससुर के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला बना कर रिपोर्ट दर्ज़ की है।
- प्रदेश के पर्यटन खेल और युवक क्ल्याण मंत्री तुकोराव जी पवार की तबियत अचानक बिगड़ गयी और उन्हें चक्कर आने लगे। प्रदेश को याद है कि जब चुनावों के दौरान उन्होंने एक एस डी एम पर अनुचित पक्ष लेने के लिए दबाव डाला था और चुनाव आयुक्त की कार्यवाही पर उन्हें जेल भेजने के आदेश हुये थे तब भी उनकी तबियत अचानक बिगड़ी थी व वे जेल की जगह अस्पताल चले गये थे जहाँ सब से धड़ल्ले से मिलते रहे थे व हाई कोर्ट से जमानत मिल जाने पर बिना डिस्चार्ज हुये ही भाग लिये थे।
- ये खबरें तो उन अलिखित खबरों के अलावा हैं कि प्रदेश के पूर्व मंत्री कमल पटेल हत्या के आरोप में जमानत न मिलने के कारण जेल में हैं और एक दूसरे पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह भी बहू द्वारा दहेज प्रताड़ना के आरोप पर जेल भेजे गये।
- मध्य प्रदेश के कर्मचारी जिस राज्य वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने का ढाई साल से इंतज़ार कर रहे हैं, वह फाइल ही गायब हो गयी है। फाइल कहाँ है किसी को पता नहीं।
जिन मंत्रियों के परिवार जनों परिचितों और यहाँ तक कि ड्राइवरों तक के लाकरों से करोड़ों रुपये बरामद हुये थे उनकी फाइलें तो जैसे इनक्कम टैक्स विभाग दबा कर ही बैठ गया है, सो खबरें भी नहीं आ रहीं। - शेष अखबार भोपाल गैस की बदबू और गैस पीड़ित संगठनों के नेताओं के विकसित स्वास्थ आदि के चित्रों से भरी हुयी हैं
ये मध्यप्रदेश है प्यारे जहाँ सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे दम तोड़ते रहते हैं और किसान पलायन करते रहते हैं।
वीरेन्द्र जैन
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