प्रथम स्पन्दन सम्मान समारोह की गरिमामय् शुरुआत
भोपाल में ललित कलाओं के प्रशिक्षण प्रबन्धन एवं शोध के लक्ष्य को लेकर स्थापित हुयी संस्था स्पन्दन द्वारा घोषित प्रथम समान समारोह का प्रारम्भ भोपाल के भारत भवन में 12 दिसम्बर 2009 को हुआ। इस अवसर पर हिन्दी के वरिष्ठ कथाकार गोविन्द मिश्र की अध्यक्ष्ता में स्पन्दन शिखर सम्मान, आलोचना पुरस्कार,कृति पुरस्कार कथा पुरस्कार, और चित्रकला पुरस्कार प्रदान किये गये। जो क्रमशः शीमती मृदुला गर्ग, शम्भु गुप्त, पंकज राग, प्रियदर्शन, और आदित्य देव को प्रदान किये गये। शिखर सम्मान की राशि रु.31000/- तथा शेष पुरस्कारों की राशि रु.11000/- है। संस्था की संयोजक कथा लेखिका श्रीमती उर्मिला शिरीष ने बताया कि ये पुरस्कार संस्था की ओर से प्रति वर्ष दिये जायेंगे एवं अगले वर्ष से इसमें संगीत आदि अन्य ललित कलाओं को भी सम्मलित करके नौ विधाओं तक बढाया जायेगा। हिन्दी के वरिष्ठ कवि राजेश जोशी ने सम्मानित रचनाकारों की सृजन धर्मिता पर वक्तव्य दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रख्यात कला समीक्षक विनय उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर चयन समिति के सदस्यओं सहित श्री नन्द किशोर आचार्य, हरीश पाठक, कमला प्रसाद, मंजूर एहतेशाम, डा.ज्ञान चतुर्वेदी, वीरेन्द्र जैन,इक़बाल मज़ीद, राम प्रकाश त्रिपाठी, मनोहर वर्मा, संतोष चौबे, विजय दत्त श्रीधर, मदन सोनी, नीलेश रघुवंशी, प्रेम शंकर शुक्ल, मुकेश वर्मा, महेन्द्र गगन, बलराम गुमास्ता, आनन्द सिंह, आदि शताधिक साहित्य और दूसरी कलाओं से जुड़े लोग उपस्थित थे। संस्था की सचिव गायत्री गौड़ और अध्यक्ष डा. शिरीष शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस कार्यक्रम के आयोजन में युनियन बेंक आफ इंडिया, राजस्थान पत्रिका, ग्रेसलेंड इंटेरनेशनल, म.प्र.पर्यटन विकास निगम, दुर्गा पेट्रोल पम्प, राजगढ वन मण्डल, एको विकास समिति, रय्न हाउस आदि ने सहयोग किया जो सरकारी संरक्षण से मुक्त संस्कृति की ओर बढने की तर्फ देखा जा रहा है। स्मरणीय है कि पिछले दिनों प्रदेश की भगवा सरकार ने संस्कृति में अनेक तरह की विकृतियों का समावेश किया है जिससे सच्चे कलाधर्मी निरंतर असंतुष्ट चल रहे थे।
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