राजनीतिक सामाजिक और साहित्यिक रंगमंच के नेपथ्य में चल रही घात प्रतिघातों का खुलासा
सोमवार, सितंबर 27, 2010
ऊपर वाले से कुछ नहीं होगा नीचे वालों के साथ आइये
इस ऊपर वाले से कुछ नहीं होगा नीचे वालों के साथ आइये
वीरेन्द्र जैन
मेरे एक मित्र पिछले दिनों छह महीने के लिए अपनी बेटी दामाद के पास लन्दन में रहे। वहाँ के प्रवास पर अपने संसमरणों में उन्होंने बताया कि अखबारों में चर्च भवनों की बिक्री के बारे में आये दिन विज्ञापन छपते रहते हैं। इसी सन्दर्भ में उन्होंने एक लतीफा भी सुनाया-
एक चर्च के पादरी को जब लगा कि लोगों ने चर्च में आना कम कर दिया है, तो उन्होंने चर्च के ग्लास डोर पर लिख दिया कि अगर आप पाप से ऊब गये हों तो कृपया हमारे चर्च में पधारें। अगले दिन उस के नीचे लिपिस्टिक से लिखा मिला कि अगर आप नहीं ऊबे हों तो फोन नम्बर 9889978562 पर फोन करें।
मुझे भी लगता है कि मन चाही मुराद पूरी करने, नौकरी संतान आदि माँगने वालों, धन और स्वास्थ चाहने वालों की भीड़ जो धर्म स्थलों पर धक्के खाती फिरती है और आये दिन कुचली जाती है, के लिए एक ऐसा ही विज्ञापन दूं कि अगर आप धर्मस्थलों पर माथा घिसते घिसते खुद ही घिस गये हों और तब हू दीन दयाल के कानों में भनक नहीं पड़ रही हो तो जन संघर्षों से अपना अधिकार माँगने वालों के किसी मंच पर आयें और अपने हक के लिए संघर्ष करें। नौकरी उतनों को ही मिलती है जितनी जगहें होती हैं और वे प्रचलित व्यवस्था के अनुसार उन्हें भी मिलती रहती हैं जो कहीं मत्था घिसने नहीं जाते या जो आपके आराध्य के अलावा दूसरे आराध्यों के यहाँ भी मत्था रगड़ते हैं। यदि मत्था घिसने के कारण मिल रही हो तो सबको मिलना चाहिए थी और उन्हें तो बिल्कुल भी नहीं मिलना चाहिए थी जो कहीं नहीं जाते।
वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड अप्सरा टाकीज के पास भोपाल [म.प्र.] 462023
मो. 9425674629
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भई हमे तो सिर्फ नीचेवालों पर यानि इस मनुष्य पर ही विश्वास है ।
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