रविवार, फ़रवरी 28, 2010

नेपथ्यलीला द्वारा एक वर्ष में पोस्टों का शतक

नेपथ्यलीला द्वारा एक वर्ष में पोस्टों का शतक
मैं आज स्वयं को और नेपथ्यलीला के अपने इंटेर्नेटी मित्रों को बधाई देता हूं क्योंकि यह इस ब्लाग की सौवीं पोस्ट है। महत्व्पूर्ण यह है यह सौवीं पोस्त होली के शुभ अवसर पर पूरी हुयी है अतः दोनों अवसरों की शुभकामनायें एक साथ ग्रहण कीजिये।
अप्रैल 2009 से प्रारम्भ हुये इस ब्लाग में मुख्यतयः राजनीति, समाज, साहित्य, व्यक्तित्व और कृतित्व, संस्मरण, श्रद्धांजलि, तथा विचार विमर्श से सम्बन्धित विषयों पर पोस्टें प्रकाशित की गयीं जिनमें कुछ प्रमुख ब्लागरों ने टिपाणियाँ कीं व दो हज़ार से ऊपर दर्शकों को आकर्षित किया। कुछ समाचार पत्रों ने इनका पुनर्प्रकाशन किया। एक दो पोस्टों को तो कुछ लोकप्रिय् ब्लागस ने प्रकाशित कर के बहस चलायी जिस में सैकड़ों ब्लागरों ने हिस्सा लिया।
मुझे खुशी है कि यह ब्लाग राजनीतिक गिरोहों के ब्लागों की तरह केवल ‘अहो रूपम अहो ध्वनिम’ सिद्ध नहीं हुआ। इसके स्थायी टिप्पणीकार नहीं रहे अपितु विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न लोगों ने समय समय पर विषय की ज़रूरत के अनुसार अपनी टिप्पणियाँ दीं। विचारों के वैविध्य के कारण यह ब्लाग डेमोक्रेटिक् रहा। इस ब्लाग में नफरत फैलाने वाले ब्लागों के विचारों के साथ बहस चला कर उनकी झूठी कहानियों की हवा निकाली।
मेरे चार ब्लाग्स हैं और मैं विषय वैविध्य के कारण इनको एक में समेटने के पक्ष में नहीं हूं। चिकोटी में व्यंग लेख होते हैं तो वीरेन्द्र जैन के नश्तर में कभी धर्मयुग आदि में लिखी व्यंग्य कवितायें हैं तथा चकोरवाणी में मेरे गीत और कवितायें हैं। यद्यपि मेरे कुछ मित्रों की सलाह थी कि मैं इन्हें एक ही ब्लाग में समेट दूं पर यह मुझे मंजूर नहीं हुआ।
जिन मित्रों ने इस ब्लाग में भागीदारी की उनके प्रति आभारी हूं। कृपया इस अवसर पर अपने विचारों से अवगत करायें।
वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा टाकीज के पास भोपाल मप्र
फोन 9425674629

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